कहे अनकहे किस्से कहानी
यह जो होते हैं किस्से कहानी कभी सोचा है, तुमने कहां से आते होंगे? क्यों पढने लगते हैं इन्हें हम इस कदर ?इन में खोकर समझने लगते हैं।
जाने अनजाने खुद को इनका हिस्सा ये हमेशा हमारी जिंदगी में शामिल तो रहते हैं, लेकिन इनके भाव अलग होते हैं।
तुम्हें याद है पहली बार अपना स्कूल जाना टीचर का poem, story सुना कर मन बहलाना। धीरे-धीरे जब हम बड़े होते हैं तो यह सब काफी हद तक हम में शामिल हो जाते हैं। हम सीखने लगते हैं। खुद को शब्दों में ढालना और बनाने लगते हैं। खुद भी धीरे-धीरे किस्से और कहानियां, कभी दर्द में डूबे गीत तो कभी गम के समंदर में डूबी शायरियां, बन जाते हैं।
खुद ही इनका किरदार हम और निभाने लगते हैं इन में छुपे कहे अनकहे भावों को कभी रोकर कभी हंस कर कभी गा कर पढने लगते हैं।
हम मन के भावों को बनाकर किस्से कहानियां।
कुछ नया
आखिर कौन है ये नए वाले बाबू..? 😁 😂 बाबुओं ने जीना दूभर कर रखा है....🤷🤦 सरकारी बाबुओं ने?🤔 अरे नहीं रे... एक-दूसरे के बाबू ने।🤷 हाँ......कान मत चेक करो अपने... सही सुना है आपने।🤷 मतलब ये बाबू-बाबू का क्या चक्कर लगा रखा है ... रिश्तों की Equation, Physics, chemistry, Bio सब बदल डाली।🤷 पता