एक दुआ: तू चाहे पर तू आ न सके.. 🤥 😶
यूँ गए ज़िन्दगी से हमारी कि वो
मुस्कराके भी हम मुस्करा ना सके
उनकी आँखों से देखे थे सपने जो कभी
पलके तो झुकी पर छुपा न सके
उनकी छांव में हम उडे थे बहुत
की गिरने से खुद को बचा न सके
तेरी यादों ने हर पल मारा है हमे
पर यादो को तेरी मिटा न सके
तुझमे खोया था खुद को यूँ
कि वापस खुद को पा न सके
चाहता था इतनी शिद्दत से
कि कैसे भी दुरी आ ना सके
रखा था दिल में संभाले तुझे
कि कोई भी तुझे चुरा न सके
पकड़ा था दिल को हाथो से
तू चाहे तो भी छुड़ा न सके
तब रुक जाते तो क्या बात थी
अब तो दिल की दुआ है यही
हो वक़्त बहुत जब मै जाऊ
तू चाहे पर तू आ न सके