कहे अनकहे किस्से कहानी
यह जो होते हैं किस्से कहानी कभी सोचा है, तुमने कहां से आते होंगे? क्यों पढने लगते हैं इन्हें हम इस कदर ?इन में खोकर समझने लगते हैं।
जाने अनजाने खुद को इनका हिस्सा ये हमेशा हमारी जिंदगी में शामिल तो रहते हैं, लेकिन इनके भाव अलग होते हैं।
तुम्हें याद है पहली बार अपना स्कूल जाना टीचर का poem, story सुना कर मन बहलाना। धीरे-धीरे जब हम बड़े होते हैं तो यह सब काफी हद तक हम में शामिल हो जाते हैं। हम सीखने लगते हैं। खुद को शब्दों में ढालना और बनाने लगते हैं। खुद भी धीरे-धीरे किस्से और कहानियां, कभी दर्द में डूबे गीत तो कभी गम के समंदर में डूबी शायरियां, बन जाते हैं।
खुद ही इनका किरदार हम और निभाने लगते हैं इन में छुपे कहे अनकहे भावों को कभी रोकर कभी हंस कर कभी गा कर पढने लगते हैं।
हम मन के भावों को बनाकर किस्से कहानियां।
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नए साल की बधाई या बवाल? 😆 😉 "डिब्बे में डिब्बा...डिब्बे में मिठाई नए साल की आप सबको हार्दिक बधाई" और.?...मना लिया नया साल?...पड़ गयी कलेजे को ठंडक? 😏 भाईसाहब ...मतलब 31 दिसंबर रात 12 बजे से happy New Year msg की सुनामी आनी शुरू हो जाती है फ़ोन पर।🤷 साल भर की दुआएं एक