जान जाती है, तो जाए.. 😉 🙃

मगर किसी की याद ना आए।

याद  आ जाए तो वो चेहरा रूबरू  ना हो जाए।

रूबरू  भी गर हो जाए तो निगाहें ना मिलाए।

निगाहें  यार से मिल जाए तो….

फिर वह सवाल ना दोहराएं..

…. उनसे कहो कोई..

आजाद  कर दें वो , हमें

अपने ख्यालों से…

उनके ख्याल आने से कहीं…

आंखों में नमी ना उतर आए ।

हाँ, मैं वही हूँ

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Author

अनिता रोहल मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं।उनके पति और बेटे में ही उनकी पूरी दुनिया बसती है। किताबें, कहानियां पढ़ने की शौकीन अनिता को धीरे-धीरे कविता,कहानियाँ लिखने में भी रुचि हो गयी। आज अपने इसी शौक के चलते वो एक उभरती हुई लेखिका हैं।

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[…] महसूस हुई थी पूछने की। ना कभी कोई ऐसा ख्याल आया। फिर एक दिन पता चला रूठ कर चला गया […]

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