भागती हुई जिंदगी को विराम मिला है… 😌 😌
जीवन को नया आयाम मिला है…
यह कोरोना नहीं इंसान को सबक सिखाने के लिए…
ईश्वर की एक सजा है…
काश लोग होते पहले की तरह…
आपस में सबके प्यार होता…
इंसानियत ही सब का आधार होता…
तो वही पहले जैसे व्रत और त्योहार होते…
प्रेम ही जीवन का आधार होता…
पेड़ पौधे पशु पक्षी सबका दुश्मन ना इंसान होता…
प्रकृति ने भी साबित कर दिया…
हे मनुष्य तुम जितना कष्ट पहुंचाओगे प्रकृति को…
उतना ही कष्ट पाओगे…
प्रेम करोगे प्रकृति से तो प्रकृति भी तुमसे प्रेम करेेगी…
कष्ट दोगे प्रकृति को तो प्रकृति भी तुम्हें कष्ट देगी…