तलाश. 🙂 🙃
तुम उन कंधों की तलाश में हो
जो तुम्हारा दुख बाँट सकें,
पर उनका क्या जिनके दुखों की
तुमने जगहंसाई की है?
तुम उन शब्दों की तलाश में हो
जो दूरियां पाट सकें,
पर उन बातों का क्या जिन्होंने
इतनी गहरी खाई की है!✍️..
तलाश. 🙂 🙃
तुम उन कंधों की तलाश में हो
जो तुम्हारा दुख बाँट सकें,
पर उनका क्या जिनके दुखों की
तुमने जगहंसाई की है?
तुम उन शब्दों की तलाश में हो
जो दूरियां पाट सकें,
पर उन बातों का क्या जिन्होंने
इतनी गहरी खाई की है!✍️..
गरिमा शुक्ला "लेखनी" इसकी सक्रिय लेखिका होने के साथ इसका Talent management भी manage करती हैं। पेशे से Engineer, गरिमा की साहित्य में काफी रुचि है,कला क्षेत्र से उनका जुड़ाव उन्हें लेखन की ओर ले गया और उन्होंने ब्लॉग के रूप में अपने भावों को प्रस्तुत करने तथा इसमें और लोगों को भी जोड़ने का प्रयास किया|