हाँ.. तुम्हे याद करते हैं.. 😕 😪
तुमसे कह नहीं सकते की तुम्हे याद करते है..
कि मेरे होंठ तुमसे मिलने की फरियाद करते है..
तड़प जो नहीं दिख पाती निगाहों की कैद में..
कि एक तेरा जिक्र मेरे लब बेबाक करते है..
हर कोई बोलता है की महज चंद लम्हे है..
कि हमसे पूछो तुम हिसाब मेरी एक शाम का..
कि जो पल गुज़र गया बिना तेरे नाम का
उस एक पल से रोज इत्तेफ़ाक़ करते है
रोए तो बहुत है अकेले में
कि वो धोखा सा खा गए मेरी मुस्कराहट से..
अब उन्हें क्या समझाते की क्या गुज़र गया..
अब तो आईने से भी आजकल मजाक करते है..
तुमसे कह नहीं सकते की तुम्हे याद करते है