बचपन की हर बात निराली.. 😍 😘
बचपन है फूलों की डाली
कितना सुन्दर प्यारा बचपन
जितना सुन्दर फूलों का मन
टिमटिम-टिमटिम करता है ये
तारों जैसा रौशन है ये
कैसे कहूं मैं इनकी कहानी
आसमा से पूछें उनकी जुबानी
हर बाग के कोमल फूल के जैसा
मन में बसे विश्वास के जैसा
गिर-गिर कर है चलना सीखा
तभी तो हमने बढ़ना सीखा
चाँद को हमने मामा कहा है
माँ-बाप को हमने भगवान् कहा है
हर किसी को खुश रखना है
सपनो को भी पूरा करना है
मन की गहराई को हमने समझा
तभी तो सूरज को प्रकाश है समझा
बड़ों को हमको को जीना सिखाया
ज़िन्दगी का असली अर्थ है बताया
बचपन की हर बात निराली
बचपन है फूलों की डाली