जब दिल को इश्क़ की मार पड़ी .. 😷 😫
कहने को थे दिल में लव्ज बहुत
खामोश जुबां कुछ कह न सके
तड़पे तो थे जब गुजरे तुम
तेरे सामने आंसू बह न सके
सब छोड़ा तो सबसे हुए दूर
दिमाग और दिल से मजबूर हुए
धड़कनो से दिल में उतारा था
की नजरो से उतार दिया हमे
हर अफ़साने में हम हुआ करते थे
यूँ शब्दों सा गुजर दिया हमे
जब दिल को इश्क़ की मार पड़ी
कि अश्क़ भी संभले रहे न सके
कहने को थे दिल में लव्ज बहुत
खामोश जुबां कुछ कह न सके