मम्मी पापा कितने प्यारे.. 😍 😘

हम उनकी आँखों के तारे
उनके होंठों पे बस हम हैं
उनके दिल की धड़क्कन हम हैं
क्या कहे कुछ समझ न आये
कैसे कहें इनके बारे में
भगवन जैसा रूप है जिनका
आँखों में सिर्फ प्यार बसा है
हर दुआ में ख़ुशी हमारी मांगी
और नहीं कुछ चाहा रब से
कितना चाहा इन्होने हमको
रब न जाने हम न जाने
हम खुश  है तो ये खुश है
हम हैं दुखी तो ये हैं दुखी
कैसा नाता हैं ये देखो
हर रिश्ते से बड़ा हैं देखो
दुनिया में ये सबसे प्यारे
हम इनकी आँखों के तारे

मम्मी पापा कितने प्यारे

हाँ, मैं वही हूँ

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Swati Agarwal
Author

एक MNC में Software Developer के पद पर काम कर रहीं स्वाति अग्रवाल को साहित्य का बेहद शौक है। अपने एहसासों को पन्नों पर उतरना उन्हें बहुत पसंद है। उनका मानना है कि शब्द हमें बिना बोले एक दूसरे से जोड़ते हैं तो क्यों ना इन्हें और लोगों के पास भी पँहुचाया जाए। लिखने के साथ-साथ शब्दों को अपना स्वर देना भी स्वाति को बेहद पसंद है। कविताओं को पढ़ने का उनका अंदाज़ ही उन्हें और उम्दा लिखने के लिये प्रेरित करता है,

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