बाजार बातों का.. 🙂 🙃
दुनिया फ़लक है, दोस्तों..
बाजार बातों का,
यहाँ के शोर में, खामोशियाँ..
कोई नहीं सुनता।
चिटकते – टूटते शीशे भी कुछ..
आवाज़ करते हैं,
मगर मासूम टूटे दिल की ….
चुप्पी कोई नहीं सुनता।
बहुत गहरा समुन्दर है..
ये मन अपना .. रहे बेकल,
सदाएं दर्द की अपने ही अन्दर..
ये रहे बुनता।
हज़ारों को दिये, मुस्कान..
और तोहफे…दुआओं के,
भले अपनी ही राहों से..
वो काँटों को रहे चुनता।
गगन से ऊँचे सपनों…
में…… सभी ढूंढें हैं सच्चाई,
मगर.. सपना…निरत भ्रम है..
ये कोई नहीं मानता।
क्योंकि…..
दुनिया फ़लक है, दोस्तों..
बाजार बातों का,
यहाँ के शोर में, खामोशियाँ..
कोई नहीं सुनता।
#नासमझ #दुनिया #लेखनी