एक लड़का है अंजाना सा,

थोड़ा अल्हड़ सा मस्ताना सा।

बात-बात में वो रुठे हैं, मुझे लगे थोड़ा दीवाना सा।

अक्सर करता है बातें , बड़ी शौखी से ।

तो लगे मुझे वो, मौसम कोई सुहाना सा।

लिखता है। हर रोज एक नई गजल मोहब्बत पर,

सुनाने बैठता है फिर , जैसे शमां पर मरे कोई परवाना सा ।

वो जो लडका है। अंजाना सा, थोड़ा आशिक है दीवाना सा!

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Anita Rohal
Author

अनिता रोहल मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं।उनके पति और बेटे में ही उनकी पूरी दुनिया बसती है। किताबें, कहानियां पढ़ने की शौकीन अनिता को धीरे-धीरे कविता,कहानियाँ लिखने में भी रुचि हो गयी। आज अपने इसी शौक के चलते वो एक उभरती हुई लेखिका हैं।

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