उसने जब भी चाहा…
अपने ही ख्याल से माना मुझे
……कभी पूनम तो कभी अमावस की रात माना
मुझे कभी पूछी ही नहीं मुझसे चाहत मेरी
बस अपने हिसाब से हर बार आजमाया मुझे।
उसने जब भी चाहा…
अपने ही ख्याल से माना मुझे
……कभी पूनम तो कभी अमावस की रात माना
मुझे कभी पूछी ही नहीं मुझसे चाहत मेरी
बस अपने हिसाब से हर बार आजमाया मुझे।
अनिता रोहल मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं।उनके पति और बेटे में ही उनकी पूरी दुनिया बसती है। किताबें, कहानियां पढ़ने की शौकीन अनिता को धीरे-धीरे कविता,कहानियाँ लिखने में भी रुचि हो गयी। आज अपने इसी शौक के चलते वो एक उभरती हुई लेखिका हैं।
Bahut khoob Yaado ka ehsaas hai
Bilkul sahi baat hai!