शायद तेरी कमी रह गई.. 😓 🙁
सब साथी मेरे साथ यहां..
है वक्त नही मेरे पास यहाँ..
पर याद तेरी तनहा कर गई..
शायद तेरी कमी रह गई ||
तुझे याद नहीं कोई भी पल..
या फुर्सत नही एक पल की..
पर सब में मझे तू याद है..
शायद तेरी कमी रह गई ||
तुझे मिल गए मेरे जैसे
मेरे पास नहीं तुझ सा एक भी
जितने सब मेरे हमदम,
शायद तेरी कमी रह गई ||
तुम डूब गए रिश्तो में यूँ..
या उलझे हर बीते किस्सों मे यूँ ..
हम समझ गए मतलब सबका..
शायद तेरी कमी रह गई ||
मै न जानू क्यों तु बनता है..
जबकि यादी से में घिरी रहती हूँ..
मेरी बातो में तु बयां होता है ..
शायद तेरी कमी रह गई ||