मगर ….मेरी ही बात किया करता है..
😧 😘
चिढने लगा है अक्सर अब तो मुस्कुराता देखकर मुझको।
फिर जाने किस – किस बात का गुस्सा
कहां-कहां निकाल दिया करता है?
कुछ ‘हां’ करने को बोलो तो खामोश हो जाता है। अक्सर
……’ मैं ना मान लूं क्या ‘?
यह सुनते ही वो चिढ जाया करता है।
झुंझला कर अक्सर खुद को पराया कहता है वो
…मगर बात करता है जब भी..
…मुझे अपना सा लगा करता है।..