कितने आंसू बहे होंगे.. 😥 😞
कलेजा जैसे फट गया होगा..
जब गोद में खेलने वाला बन लाश..
छाती पर गिर गया होगा,
कैसे छुपाया होगा उसने आंचल में चेहरा
जिस मां का सपूत टुकड़ों में आया होगा।
कैसे संभाला होगा उस परिवार ने खुद को
जिसका एक सहारा भी तिरंगे में लिपट कर आया होगा।
यह धरती जैसे मां है, आसमां भी बाप का साया है।
बरस गया होगा वह भी सीना फाड़ कर अपना
जब इस मां के दर्द में ने उसे हिलाया होगा 😓 😔
वंदे मातरम
हमारे सैनिकों को एक बड़ा सलाम..
वीडियो प्लेयर
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[…] तिरंगे का रंग ज़िंदगी मे भरना जरुरी है […]
वंदे मातरम..!
Sach me.. bhut kurbaniyo ke bad azadi mili hai..
Jai Hind.