कितने आंसू बहे होंगे.. 😥 😞

कलेजा  जैसे फट गया होगा..

जब गोद  में खेलने वाला बन लाश..

छाती पर गिर गया होगा,

कैसे छुपाया  होगा उसने आंचल में चेहरा

जिस मां का सपूत टुकड़ों  में आया होगा।

कैसे संभाला होगा उस परिवार  ने खुद को

जिसका एक सहारा  भी तिरंगे में लिपट  कर आया होगा।

यह धरती  जैसे मां है, आसमां भी बाप का साया है।

बरस गया होगा वह भी सीना फाड़ कर अपना

जब इस मां के दर्द में ने उसे हिलाया  होगा 😓 😔

वंदे मातरम

हमारे सैनिकों को एक बड़ा सलाम..

हाँ, मैं वही हूँ

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Author

अनिता रोहल मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं।उनके पति और बेटे में ही उनकी पूरी दुनिया बसती है। किताबें, कहानियां पढ़ने की शौकीन अनिता को धीरे-धीरे कविता,कहानियाँ लिखने में भी रुचि हो गयी। आज अपने इसी शौक के चलते वो एक उभरती हुई लेखिका हैं।

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[…] तिरंगे का रंग ज़िंदगी मे भरना जरुरी है […]

Anand Agrawal
Anand Agrawal
4 years ago

वंदे मातरम..!

Anand Agrawal
Anand Agrawal
4 years ago

Sach me.. bhut kurbaniyo ke bad azadi mili hai..

Anand Agrawal
Anand Agrawal
4 years ago

Jai Hind.

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