हमारी सहिष्णुता हमारी कमजोरी नहीं.. 🙄 💪

हमारी सदभावना हमारी कायरता  नहीं।

जो अंधे  हो चुके हैं वो अब भी समझ लें,

हमारी चुप्पी हमारी मजबूरी  नहीं।

तुमसे पहले थे तुम्हारे बाद तक हम ही रहेंगे,

वक़्त  में इतिहास के पन्नों में हम नहीं छिपेंगे।

क्या समझते हो कि तुम षडयंत्र  यूँ करते रहोगे?

और ….हम हर बार तुमको माफ़  ही करते रहेंगे,

सुन लो ये ऐलान  ऊँचे कान कर कर,

छोटी सी है बात समझ लो खूब मनन कर।

“नदी”….. रहने दो हमे …..“तूफान”….होने ना दो,

राम” …..रहने दो हमे …..“परशुराम”….होने ना दो।

“शस्त्र”….. और….. “शास्त्रार्थ”…. दोनो की महारथ  है हमें,

“वेद”…  पढ़ने दो हमें ….“युद्ध”….का आह्वान  होने ना दो।।

#सनातनी #लेखनी

हाँ, मैं वही हूँ

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Author

गरिमा शुक्ला "लेखनी" इसकी सक्रिय लेखिका होने के साथ इसका Talent management भी manage करती हैं। पेशे से Engineer, गरिमा की साहित्य में काफी रुचि है,कला क्षेत्र से उनका जुड़ाव उन्हें लेखन की ओर ले गया और उन्होंने ब्लॉग के रूप में अपने भावों को प्रस्तुत करने तथा इसमें और लोगों को भी जोड़ने का प्रयास किया|

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