बिना बात के “चौधरी” और “बड़ी अम्मा” बनना 😆 😂
बहुत से लोग बिना किसी वजह के दूसरों में बहुत दिलचस्पी, लेते हैं …🤷
मने interest लेते हैं ….😉
अरे नहीं समझे?…..ओहो …मतलब इन लोगों को बिना बात के “चौधरी” या “बड़ी अम्मा” बनने का शौक होता है।
🤷🤷
अरे अरे…ऊपर लिखे शब्दों से गलत अर्थ ना निकाल लेना भाई!🙏
इसका सामान्य मतलब है कि
ऐसे लोग जिनको बिना किसी रिश्ते के सलाह देने की, दूसरों की ज़िंदगी मे झाँकने की,फिर उसका…. पूरा मुआयना ….करने की आदत होती है।कभी-कभी ये लोग बिना जाने भी कहीं भी ज्ञान देने लगते हैं।
एक वाक्य में कहें तो ये खुद को कभी-कभी सर्वज्ञाता समझने लगते हैं वो अलग बात है कि इनको पता …” ढेले भर” का भी ….नहीं होता🤣
ये प्राणी चलते फिरते “क्लोज सर्किट सिस्टम” यानी “CCTV” होते हैं ….वो भी बिना किसी तनख्वाह के। देशी भाषा मे यही लोग “बिना रिश्ते की बड़ी अम्मा कहलाते हैं” 🤣
आप जानना चाहते हैं इनकी खूबियां? हम समझाते हैं
देखिए कैसे करते हैं ये काम?
ये लोग इतना बढ़िया Scan करते हैं कि मशीन क्या करेगी🙏मतलब आदि से अंत तक….अंत से अनन्त तक…
कल्पना की जो तीव्र गति इनके पास होती है उससे ये आपको कभी भी ….किसी भी स्थिति में पहुँचा सकते हैं
खुद को बड़े “ज्ञान के भंडार” मानने वाले ये लोग
आपके जीवन का विश्लेषण कर लेते हैं वो भी बिना आपसे पूछे।
काम हो या ना हो पर ये कभी खाली नहीं रहते क्योंकि इनके दिमाग मे “एक अलग प्रकार की गैस” बनती रहती है कि कैसे दूसरे की ज़िंदगी पर अपने कुविचार प्रस्तुत किये जायें? और मज़े की बात ये इसका पैसा तक नहीं लेते।
तो अगर कभी मुफ्त में आपको अपना चारित्रिक विश्लेषण जानना हो तो किसी वैचारिक सलाहकार के पास ना जाएँ…
बल्कि कथित रूप से परिवार ,पड़ोसी,रिश्तेदार ,दोस्त और इंटरनेट वाले खाली दोस्त, बीच कमेंट में घुस के ज्ञान देने वाले ऐसे लोगों के पास जाएँ..😉
आपको अपने अंदर अद्वितीय गुणों का एहसास होगा।😎
अपने अंदर दुर्गुणों की भारी मात्रा मिलेगी और सगुणों की भारी कमी।😎
मतलब खुद में आप ……..“वो-वो”……पाएँगे….. “जो-जो”………….आपने कभी सोंचा भी नहीं होगा।
धन्य हैं । ऐसे वीर पुरुषार्थी 🙏🙏🙏🙏 जो हमारे चरित्र
का इतना बारीक मूल्यांकन करने में अपना ……..”कचरे भरा दिमाग”……और ……..“बेकार समय” ……..ख़र्च करते हैं। इनके लिये तो शब्द भी कम पड़ जाते हैं।
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“तारीफ क्या करूँ ……..मैं क्या मिसाल दूँ,🤔तुम खुद बवाल हो…. यही कह कर टाल दूँ”!🤣🙏
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समाज मे इनके इस टुच्चे योगदान के लिये “फालतू” नामक पुरस्कार के तो ये लोग भी हक़दार हैं।😆आखिर यही तो इनकी ….“आत्मनिर्भरता” ….है, इनकी …“कला” ….है।
बिना बात के “चौधरी” और “बड़ी अम्मा” बनना ये कभी नहीं छोड़ेंगे
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अनुलेख: ऊपर जो मुफ्त सलाह वाली बात लिखी है वो स्टंट निजी जीवन में ना कीजियेगा वरना बहुत पछतायेंगे🤣
राम बचाए ऐसों से...अगर आपके आस-पास भी ऐसी प्रजाति पायी जाती हो तो।🙏😉