आँगन की दो चिड़िया.. 😊 🙃
एक आँगन की दो चिड़िया
एक दिन जिन्हे उड़ जाना है
अपने अपने घर जाकर
उन्हें एक नया जहाँ बसाना है
जिस बाबुल के घर में बचपन बीता
वो एक दिन पराया हो जाना है
जिस माँ के आँचल को ओढ़ के बड़ी हुई
वो एक दिन दूर हो जाना है
बचपन के खेल खिलोने को भूल कर
जिम्मेदारियो को निभाना है
पापा की परियो को अब जिद करना छोड़
बस हाँ में सर ही हिलाना है
ससुराल की भाग-दौड़ में
बस पीहर ही आराम करने का ठिकाना है
साथ खेली, साथ बचपन बीता
एक दिन उन दोनों चिडिओ को अलग हो जाना है
अपने अपने घर जाकर
उन्हें एक नया जहाँ बसाना है