आँसू .. 😪 😥
कहते हैं..
“आँसू” बन कर कुछ बातें बह जाती हैं,
जो शोर नही कह सकता ,
ख़ामोशियाँ वो कह जाती हैं!
#ख़ामोशियाँ #लेखनी
आँसू .. 😪 😥
कहते हैं..
“आँसू” बन कर कुछ बातें बह जाती हैं,
जो शोर नही कह सकता ,
ख़ामोशियाँ वो कह जाती हैं!
#ख़ामोशियाँ #लेखनी
गरिमा शुक्ला "लेखनी" इसकी सक्रिय लेखिका होने के साथ इसका Talent management भी manage करती हैं। पेशे से Engineer, गरिमा की साहित्य में काफी रुचि है,कला क्षेत्र से उनका जुड़ाव उन्हें लेखन की ओर ले गया और उन्होंने ब्लॉग के रूप में अपने भावों को प्रस्तुत करने तथा इसमें और लोगों को भी जोड़ने का प्रयास किया|