एक छोटी सी चिट्ठी 🙂 🙃 सोंच रहीं थी.. एक छोटी सी चिट्ठी लिखूँ.. आज भगवान को, https://youtu.be/qtYO4ofCqVk हे प्रभु! हम पर दया करो और क्षमा करो इंसान को! इंसानों ने जंगल काटे, जीवों को बहुत सताया है, धरती की पुकार सुन, आपने ये मंजर दिखलाया है, जहाँ पूजते थे पेड़ों को, वहां पर जला
वो बात हिन्दी में 🙂 🙃 अक्षर, शब्द, स्वर, व्यंजन, समास हिन्दी में, तू, तुम,सब, मैं ,हम ,वो और आप हिन्दी में, ममता, समता, एकता और एहसास हिन्दी में, मन से मन तक पहुँच जाए वो बात हिन्दी में। #विश्व हिन्दी दिवस #लेखनी
दर्द के बाजार.. 🙆 🙎 दर्द भी सरे बाजार अब बिकने लगें हैं। जितना गहरा जख्म उतने ही ऊंचे दाम लगने लगे हैं। दिखती नहीं थी जिनको खामोशियां कभी सीने से लगाकर हमें वो भी अब सिसकने लगें हैं। दर्द के बाजार बेरहमियों से सजने लगे हैं।
तुझे मांगेंगे खुदा से आज.. 🙆 🙎 मुकर्रर कर दी रात खुदा ने, एक रोज मुरादों की, हर ख्वाहिश पूरी होगी हर किसी के ख्वाबों की। हम सा बदनसीब कौन होगा इस जहाँ में, तुझे मांगेंगे खुदा से आज, यही सोचकर वो रात भी , हमने जागकर गुजार दी।
जाने कितने ही लम्हें.. 🙆 🙎 सोचकर देखें मैंने जाने कितने ही लम्हें मगर याद नहीं आए वो पल कि..... कब मैं सुकून से सोई थी। आंखें तो भीग जाती हैं यूं भी अक्सर मगर याद नहीं है वो खुशी जिसमें मैं..... मुस्कुरा के रोई थी