पहली विदाई.. 😊 🙃

जाने किसने यह रीत बनाई होगी..

कौन थी जाने वह लड़की..

जिसकी किस्मत में लिखी वो..

पहली विदाई होगी।

कैसे छोड़ा होगा उसने बाबुल का वो आंगन

जहां उसने एक उम्र बिताई होगी।

कितना रोया होगा भाई..

कैसे माई ने खुद को सम्हाला  होगा..

सखियां भी लिपट लिपट  खूब रोई  होगी।

सब रो लिए होंगे.. सब ने कह दिया होगा..

मगर कोने में बैठा बाबुल अकेला ही तड़पता रहा होगा।

कैसे जिगर का टुकड़ा  पल में पराया हो गया होगा।

एक गैर का दामन थाम वह चल पड़ी होगी।

जाने कौन थी, वह लड़की..
जिसकी किस्मत में लिखी वो..

पहली विदाई होगी।

पहली विदाई हाँ, मैं वही हूँ

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Author

अनिता रोहल मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं।उनके पति और बेटे में ही उनकी पूरी दुनिया बसती है। किताबें, कहानियां पढ़ने की शौकीन अनिता को धीरे-धीरे कविता,कहानियाँ लिखने में भी रुचि हो गयी। आज अपने इसी शौक के चलते वो एक उभरती हुई लेखिका हैं।

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