नन्ही परी मेरे घर आयी .. 🙂 🙃
एक दिन मुझे खबर मिली की कोई नन्ही परी मेरे घर आई है।
लेकिन में बाहर था, परेशान था, जा नहीं सकता था।
क्या करू समझ नहीं आ रहा काम ही ऐसा था।
मन ही मन में ख़ुशी थी लेकिन जा नहीं सकता था।
मन में ख्याल आने लगे की कैसे होगी वो
मेरा इन्तज़ार तोह नहीं कर रही होगी वो
क्या सोच रही होगी वो
में कहा हूँ उसके पास क्यू नहीं हूँ।
मेरा मन विचलित था उसको देखने का मन बहुत था।
क्या करू समझ नहीं आ रहा था सफर जो कर रहा था।
काम से जा रहा था और उसकी यादो में खो रहा था।
बस इंतज़ार था जल्दी से काम पूरा हो में उसको देख पाऊ।
तभी एक माँ अपनी बच्ची को लेके मेरे सामने आयी
में उसको देखता रहा और उसमे अपनी परी को खोजता रहा
में सोचने लगा की उसकी आँखे कितनी पियारी होंगी
जब मुझे मासुमियत से देखेंगी क्या एहसाह होगा वो
मेरे मन में क्या नहीं चल रहा था
में उसके लिए सारा जहान लाने के लिए खड़ा था
तभी मेरे मन में आया की ये दुनिया उसके लिये ख़राब है यहाँ पर भेदभाव बहुत है कैसे चलेगी उसकी ज़िन्दगी
तभी मेने सोचा की मेरी परी है आसमान में उढ़ेगी
में उसके साथ हूँ तोह दुनिया क्या कहेगी
दिखा देगी दुनिया को की वो मेरे परी है
सबको प्यार करना सीखा देगी सबको बदल वो देगी।
वो मेरी परी है वो मेरी परी है वो मेरी परी है।
एक दिन मुझे खबर मिली की कोई नन्ही परी मेरे घर आई है