हम उनके नजदीक आए ही क्यों थे.. 🙂 😟

हर लम्हा एहसास बन जायेगा
हम जायँगे यहां से
हर बीता पल एक राज़ बन जायेगा
अनकही बाते रह जायेंगे जुबां  तक
दिल का बस एक चिटका सा साज बन जायेगा

वो आने की ख़ुशी
यूँ जाने का गम
मुस्कराएंगी आंखे
पर पलके नम

अश्क चुपके से आँखों में आए ही यूँ थे
दिखाना ही था तो छिपाए ही क्यों थे
जो रोते तडपके तो वो भी समझते
कि हम उनके नजदीक आए ही क्यों थे

हाँ, मैं वही हूँ

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Author

Btech करके टेक्नोलॉजी से जुड़ी काकुल श्रीवास्तव ने राज्य स्तर के डिबेट में भी भाग लिया है। नृत्य,गीत-संगीत और चित्रकारी में रुचि रखने वाली काकुल को नॉवेल पढ़ना बेहद पसंद है। बचपन से ही साहित्य में रुचि के कारण इन्हें लिखने का शौक हो गया। जीवन के नए पड़ाव में प्रवेश करने वाली काकुल को उनका लेखन प्रेरणा देता है जिसे वो शब्दों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाती हैं।

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