मैंने खुद को भी खो दिया.. 🙂 🙃

तड़प जाता है दिल ……
अब तेरे हाल पूछने से
कतराने लगी हूं अब मैं
तेरे सवाल पूछने से
रब से मांग तो लिया था ……
बेखुदी  में तुझे
मगर अपनी हर खुशी  छोड़ आई हूं ….
…..एक पाने को तुझे
भरोसा तो कभी उस रब का भी ना किया …….
फिर जाने क्यूं तुझे
मैंने रब मान लिया
एक तेरे ऐतबार ने
मुझे मुकाम वो दिया
तु भी गैर हो गया
और मैंने खुद को भी खो दिया।

हाँ, मैं वही हूँ

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Author

अनिता रोहल मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं।उनके पति और बेटे में ही उनकी पूरी दुनिया बसती है। किताबें, कहानियां पढ़ने की शौकीन अनिता को धीरे-धीरे कविता,कहानियाँ लिखने में भी रुचि हो गयी। आज अपने इसी शौक के चलते वो एक उभरती हुई लेखिका हैं।

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