बेइंतेहा पढ़ लू.. 😍 😘

आ तुझे आज की रात,
बेइंतेहा पढ़ लू..

कि कहीं तू सुबह लौट ना जाए..
दोनों हाथो से पकड़ लू..

कि सबसे पहले तेरे,
बहुत करीब आकर तेरा सजदा करू..

फिर नज़रो से छूकर,
साँसों में अपनी आज फिर शामिल कर लू ..

आ तुझे आज की रात,
बेइंतेहा पढ़ लू..

हाँ, मैं वही हूँ

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Author

Btech करके टेक्नोलॉजी से जुड़ी काकुल श्रीवास्तव ने राज्य स्तर के डिबेट में भी भाग लिया है। नृत्य,गीत-संगीत और चित्रकारी में रुचि रखने वाली काकुल को नॉवेल पढ़ना बेहद पसंद है। बचपन से ही साहित्य में रुचि के कारण इन्हें लिखने का शौक हो गया। जीवन के नए पड़ाव में प्रवेश करने वाली काकुल को उनका लेखन प्रेरणा देता है जिसे वो शब्दों के माध्यम से लोगों तक पहुँचाती हैं।

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