आखिरी अहसास.. 😑 😇
कितने तोहफे दिए तुने मुझे,
सब के सब खास हैं..
कितनी परवाह.. कितनी चाहत.. कितनी बेखुदी..
कितनी कशिश.. है इन सब.. में?
बस नहीं दिया तो वह आखिरी अहसास है..
जिसकी चुभन बिना दिए भी चुभती है हर पल…
मैं महसूस करना चाहती हूं..
वो अहसास भी पूरी तरह..
बिलकुल वैसे ही जैसे सब कुछ महसूस हुआ था पहली दफा…
मैं महसूस करना चाहती हूं..
तेरी बेरुखी की चुभन.. बिलकुल वैसे ही..
जैसे तेरे प्यार की छुअन महसूस की थी..
मैं देखना चाहती हूं..
तेरे प्यार ने मुझे समेटा ज्यादा था..
या तेरी बेरुखी ने बिखेरा अधिक है..
बस इतना चाहती हूं?
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